परम पूज्य श्री श्री 1008 मुनिजी फलाहारी महाराज जी : एक परिचय
“हम केवल एक मंदिर नहीं बना रहे हैं, हम एक नए युग का निर्माण कर रहे हैं – सेवा, आध्यात्मिक अभ्यास और समर्पण का।” यह केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि परम पूज्य श्री श्री 1008 श्री भुवनिश्वर मुनिजी फलाहारी महाराज जी के जीवन, संकल्पों और दिव्य उद्देश्यों का मूल मंत्र है। एक त्यागी, तपस्वी और दूरदर्शी आध्यात्मिक ज्योति के रूप में, उन्होंने अपना जीवन युवावस्था से ही सेवा, आध्यात्मिक उत्थान और सनातन धर्म के प्रचार के लिए समर्पित कर दिया।
🙏 पूज्य गुरुदेव का जीवन और साधना
परम पूज्य श्री श्री 1008 मुनिजी फलाहारी महाराज जी (भुवनिश्वर प्रसाद तिवारी जी) का जन्म माँ सरयू के पवित्र तट पर स्थित ग्राम गोवर्धनपुर से जुड़ी पवित्र स्मृतियों के साथ हुआ। उन्होंने अपने जीवन को आध्यात्मिक अभ्यास और सनातन धर्म के प्रचार के लिए समर्पित कर दिया। उनका जीवन स्वार्थ त्याग और जन कल्याण का एक अनूठा उदाहरण है, जिसने हजारों लोगों को प्रेरणा दी है।
🏛️ माँ गायत्री सेवा संस्थान: गुरुदेव का दिव्य संकल्प
पूज्य गुरुदेव के दिव्य नेतृत्व में 4 अप्रैल, 1998 को “माँ गायत्री सेवा संस्थान” अस्तित्व में आया। यह संस्थान गुरुदेव के इस संकल्प को साकार करने का माध्यम है कि आध्यात्मिक प्रगति के साथ-साथ समाज के हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाओं को भी साकार किया जाए।
📌 गुरुदेव का लक्ष्य और संस्थान का मिशन
- लक्ष्य: भारत को विश्वगुरु और हिंदूराष्ट्र के रूप में पुनः स्थापित करना।
- मिशन: विश्व शांति, अविभाजित भारत का एकीकरण और सत्य सनातन मंदिर की स्थापना – जो गुरुदेव के इस महान दृष्टिकोण का प्रतीक है।
गुरुदेव की प्रेरणा से, माँ गायत्री सेवा संस्थान निम्नलिखित क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है, जो उनके सेवा और साधना के सिद्धांतों को दर्शाता है:
- धार्मिक, चरित्रिक, बौद्धिक, सामाजिक, नैतिक, शैक्षिक और आध्यात्मिक उत्थान।
- महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और असहायों की सेवा।
- निःशुल्क चिकित्सा देखभाल, भोजन, पुनर्वास और प्रशिक्षण।
- पुस्तकालय और वाचनालयों का संचालन।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रसार।
- महिला सशक्तिकरण परियोजनाएँ।
- नियमित सत्संग, हवन, प्रवचन, योग और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
- गौ सेवा, वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण।
- वैदिक शिक्षा और आयुर्वेद का प्रचार।
- युवाओं और स्वयंसेवकों के लिए डिजिटल आउटरीच – “आध्यात्मिकता + सेवा + सामाजिक प्रभाव”
गुरुदेव के विस्तृत उद्देश्यों और संस्थान की गतिविधियों के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया माँ गायत्री सेवा संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: www.mgsevasansthan.org
🔱 सत्य सनातन मंदिर: गुरुदेव की एक दिव्य प्रेरणा
“एक ऐसा मंदिर जो केवल ईंटों से नहीं, बल्कि सेवा और आध्यात्मिक अभ्यास से बनेगा।” सत्य सनातन मंदिर केवल एक संरचना नहीं, बल्कि गुरुदेव के विश्व शांति और सनातन संस्कृति के व्यापक प्रचार के संकल्प की आत्मा है। इस भव्य निर्माण यज्ञ के माध्यम से, गुरुदेव का लक्ष्य सभी संप्रदायों के बीच एकता और सद्भाव स्थापित करना है, साथ ही निःशुल्क योग, ध्यान, वैदिक शिक्षा और आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्रों की स्थापना करना भी है।
👥 हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणा के स्रोत
गुरुदेव को महान संतों, आध्यात्मिक साधकों और गुरुओं की एक लंबी परंपरा से अमूल्य मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा है, जिनमें प्रमुख हैं:
- श्री श्री 1008 मौनी बाबा जी (वाराणसी)
- डॉ. पी. डी. पाटिल जी (श्री दत्तात्रेय प्रसाद अन्नदान आश्रम चैरिटेबल ट्रस्ट, वाराणसी)
- परम पूज्य राम नरेश बाबा
- परम पूज्य श्री राम नयन तिवारी बाबा
- पूज्य पिता श्री त्रिवेणी प्रसाद तिवारी
- पूज्य माताजी सरस्वती तिवारी जी
- पूज्य बड़ी बहन दुर्गा, शारदा, विमला, शिमला जी
- पूज्य बड़े भाई श्री कपिल देव तिवारी एवं तड़केश्वर प्रसाद तिवारी
- पूज्य भाभी श्रीमती रुक्मिनी तिवारी
- अनुज राजेश्वर प्रसाद तिवारी
- श्रीमती पुष्पलता तिवारी जी
- कैलाशानंद जी महाराज (जूना अखाड़ा)
- श्री रघुनाथ बाबा (महंत बनखंडी, आगरा)
- श्री राम कुमार दास जी (मार्कंडेय आश्रम, यमुनोत्री)
- पुरी शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी महाराज
- मालुकपीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास जी महाराज
- श्री गुरु शरणानंद जी महाराज (रामनरेती, मथुरा)
- महामंडलेश्वर श्री अवधेशानंद जी महाराज (जूना अखाड़ा)
इन दिव्य आत्माओं के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से, गुरुदेव और उनके द्वारा स्थापित संस्थान निरंतर अपने पथ पर अग्रसर हैं।
🏢 संचालन क्षेत्र और सेवा केंद्र
गुरुदेव की प्रेरणा से, माँ गायत्री सेवा संस्थान उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहा है, जिनमें अयोध्या, अम्बेडकर नगर, प्रयागराज और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं। संस्थान का मुख्यालय गायत्री नगर, आरोपुर, निकट आलापुर थाना, अम्बेडकर नगर में स्थित है।
निकट भविष्य में डिजिटल सेवा केंद्र और संस्कार केंद्र स्थापित करने की योजनाएँ चल रही हैं, जो गुरुदेव के मिशन की पहुँच और प्रभाव को और व्यापक बनाएंगी।
🤝 आइए, गुरुदेव के इस नेक कार्य में हमारे साथ जुड़ें!
“हर सेवा, हर दान – भारत को फिर से गौरवशाली बनाने की दिशा में एक कदम।”
परम पूज्य गुरुदेव के मिशन में योगदान करने और माँ गायत्री सेवा संस्थान की गतिविधियों में भाग लेने के लिए, आप सीधे संस्थान की वेबसाइट पर जा सकते हैं और विभिन्न तरीकों से जुड़ सकते हैं:
- माँ गायत्री सेवा संस्थान की वेबसाइट पर योगदान करें: www.mgsevasansthan.org
- स्वयंसेवक के रूप में जुड़ें: अपना समय और कौशल समर्पित करें।
- सत्य सनातन मंदिर निर्माण यज्ञ में योगदान करें: इस भव्य दृष्टिकोण को साकार करने के लिए अपना योगदान दें।
- ऑनलाइन दान करें: [QR कोड / लिंक शीघ्र ही उपलब्ध होगा]
📞 हमसे संपर्क करें:
आप परम पूज्य गुरुदेव और उनके मिशन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए हमसे संपर्क कर सकते हैं:
मुख्यालय:
गायत्री नगर, आरोपुर, रामनगर,
निकट – आलापुर थाना,
जिला – अम्बेडकर नगर (अवध क्षेत्र),
उत्तर प्रदेश – 224181
- 📞 फोन: +91 9794175110
- 📧 ईमेल: contact@mgsevasansthan.org
- 🌐 वेबसाइट: www.munijiphalahari.mgsevasansthan.org
- 📱 सोशल मीडिया: [फेसबुक | इंस्टाग्राम | यूट्यूब | व्हाट्सएप]
🌟 हमारी पुकार
“आइए, परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 मुनिजी फलाहारी महाराज जी के सेवा, आध्यात्मिक अभ्यास और राष्ट्रीय उत्थान की इस पवित्र यात्रा में भागीदार बनें।”
🔱 जय माँ गायत्री। 🔱 जय सनातन धर्म। 🔱 जय सेवा व साधना।