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सनातन धर्म के मूल सिद्धांत: धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष – जीवन को सार्थक बनाने का मार्ग
परम पूज्य श्री श्री 1008 मुनिजी फलाहारी महाराज जी आप सभी को मेरा प्रणाम! आज हम सनातन धर्म के उन चार स्तंभों के बारे में बात करेंगे, जो किसी भी मनुष्य के जीवन को पूर्णता और सार्थकता प्रदान करते हैं। ये हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, जिन्हें ‘पुरुषार्थ चतुष्टय’ भी कहा जाता है।…
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महामृत्युंजय मंत्र: सावन में जाप का महत्व और लाभ – शिव से जीवन और मुक्ति का वरदान
परम पूज्य श्री श्री 1008 मुनिजी फलाहारी महाराज जी आप सभी को मेरा प्रणाम! सावन का महीना शिव साधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस पावन काल में एक ऐसा मंत्र है जिसका जाप न केवल मृत्यु के भय को हरता है, बल्कि जीवन को भी संजीवनी प्रदान करता है। यह है महामृत्युंजय मंत्र।…
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बेलपत्र और धतूरा: शिव पर क्यों चढ़ाए जाते हैं? रहस्य, महत्व और अर्पण विधि
परम पूज्य श्री श्री 1008 मुनिजी फलाहारी महाराज जी आप सभी को मेरा प्रणाम! सावन के महीने में जब हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, तो दो वनस्पतियाँ सबसे प्रमुख होती हैं – बेलपत्र और धतूरा। हम अक्सर यह देखते हैं कि भक्त श्रद्धापूर्वक इन्हें शिवलिंग पर अर्पित करते हैं, लेकिन क्या हम इनके…
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सावन में भजन, सत्संग और कीर्तन की महिमा: भक्ति की शक्ति और आंतरिक शांति का स्रोत
परम पूज्य श्री श्री 1008 मुनिजी फलाहारी महाराज जी आप सभी को मेरा प्रणाम! सावन का महीना आता है, तो भगवान शिव की भक्ति की एक लहर पूरे वातावरण में फैल जाती है। जहाँ एक ओर प्रकृति हरी-भरी होकर शिव का अभिषेक करती है, वहीं दूसरी ओर भक्तों का मन भजन, सत्संग और कीर्तन में…